Gurpreet Singh हत्या मामले में पुलिस ने बड़ा खुलासा किया है।
पंजाब के फरीदकोट में हाल ही में गुरप्रीत सिंह नाम के शख्स की हत्या कर दी गई थी। फरीदकोट में ‘वारिस पंजाब दे’ के फाउंडर मेंबर गुरप्रीत सिंह की 9 अक्टूबर को हुई हत्या मामले में पंजाब के डीजीपी ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बड़ा खुलासा किया। पुलिस ने हत्या में खडूर साहिब सीट से सांसद और खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह का हाथ बताया गया है। एक स्पेशल टीम बनाकर हत्या का खुलासा किया गया है।
सर्च ऑपरेशन शुरू
पंजाब पुलिस के डीजीपी गौरव यादव ने चंडीगढ़ में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस मामले का खुलासा किया। पुलिस को जांच में पता चला कि इस हत्याकांड में विदेश में बैठा गैंगस्टर अर्श डल्ला भी शामिल था। इस मामले में 3 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। शूटर्स को ढूंढ़ने के लिए सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया गया है।
अमृतपाल सिंह के कहने पर हुई हत्या
पुलिस ने बताया कि जांच में पता चला कि अमृतपाल सिंह के कहने पर ये हत्या की गई है। गुरप्रीत सिंह को ‘वारिस पंजाब’ जत्थेबंदी का 2021 में खजांची बनाया गया। दीप सिद्धू की मौत के बाद वह अमृतपाल के क्लोज रहा, लेकिन बाद में अलग हो गया। उसने अमृतपाल खिलाफ सोशल मीडिया पर कुछ पोस्ट भी डाली थी। पुलिस का कहना है कि फिलहाल सारे बिंदुओं की जांच की जा रही है। अमृतपाल से पूछताछ की जाएगी। बता दें कि गुरप्रीत सिंह हत्याकांड की जांच के लिए 4 सदस्यीय एसआईटी का गठन किया गया था। जिसमें तीन डीएसपी और एक एसपी शामिल हैं।
गांव हरी नौ में हुई थी हत्या
गौरतलब है कि फरीदकोट के गांव हरी नौ में गुरप्रीत सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। उसकी उम्र 32 साल थी। गुरप्रीत गांव हरी नौ में पंचायत चुनाव में सरपंच उम्मीदवार के लिए प्रचार करने गया था। जैसे ही वह वहां से लौटने लगा तभी बाइक पर सवार 3 शूटरों ने ताबड़तोड़ फायरिंग कर उसकी हत्या कर दी। बताया जाता है कि गुरप्रीत सिंह पिछले कुछ समय से अमृतपाल सिंह और सिख नेताओं के खिलाफ बयानबाजी कर रहा था। उसे इसकी वजह से लगातार धमकियां भी मिल रही थीं।