नवरात्रों के दिनों में सभी जगहों पर रामलीलाओं की धूम है। हरिद्वार की जिला जेल में भी अपनी तरह की अनूठी रामलीला चल रही है। यहां के कैदी ही रामलीला के सभी पत्रों को निभा रहे हैं। खास बात ये है कि इस रामलीला में हिंदू ही नहीं बल्कि दूसरे धर्म के लोग भी बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं।
1 महीने पहले शुरू होती है प्रैक्टिस
इन दिनों देश भर में मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम की लीलाओं का मंचन हो रहा है और इन लीलाओं के माध्यम से लोगों को भगवान राम के आदर्श अपनाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।
ऐसे में हरिद्वार की जिला जेल में भी रामलीला चल रही है। इस रामलीला की खासियत यह है कि इसमें किरदार निभाने वाले कलाकार कैदी ही है और इनमें अन्य धर्म के कैदी भी आगे बढ़कर भूमिका निभा रहे हैं। सभी कैदी रामलीला के लिए एक महीने पहले से प्रेक्टिस शुरू कर देते हैं। उनकी मेहनत का परिणाम
जेल में रामलीला का मंचन
जेल का नाम सुनते ही अक्सर जेल में बंद खूंखार अपराधियों और भय के वातावरण जैसे नजारे आंखों में कौंधते हैं। लेकिन हरिद्वार जिला कारागार का नजारा इन दिनों बिल्कुल जुदा है।
नवरात्र के पावन दिनों में जेल में भी रामलीला चल रही है। यहां जेल के कैदी ही राम, लक्ष्मण, सीता समेत रामलीला के अन्य सभी पात्रों की भूमिका निभा रहे हैं। वहीं अन्य कैदी बैठकर रामलीला के मनोरंजन का लुत्फ उठाते हैं। जेल के निगेटिव माहौल को आध्यात्मिकता से पॉजिटिव बनने के लिए जेल प्रशासन कई धार्मिक आयोजन करता है।
3 साल से हो रही है रामलीला
खबरों की मानें तो पिछले 3 सालों से यहां रामलीला कराई जा रही है। जेल अधीक्षक के मुताबिक सभी बंदी पूरे उत्साह से बढ़-चढ़कर रामलीला का मंचन करते हैं। खास बात ये है कि सिर्फ हिंदू ही नहीं बल्कि कुछ मुस्लिम कलाकार भी रामलीला में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हैं। जेल अधीक्षक ने इस बारे में बात करते हुए बताया कि सभी कैदी 1 महीने से रामलीला की तैयारी कर कर रहे हैं।
बदलेगा कैदियों का मन
साधु संत भी मानते हैं कि ये एक अच्छा प्रयास है। जेल में अलग-अलग गुनाहों की सजा काट रहे अपराधियों के बीच रामलीला को दर्शाना उनके हृदय परिवर्तन में सहायक होगा।
वो भगवान राम के जीवन से प्रेरणा लेंगे। स्वामी रूपेंद्र प्रकाश ने बताया कि कब कोई व्यक्ति किस चीज से सबक लेकर बदल जाए, इसका नहीं पता होता। मुझे पूरा विश्वास है कि जेल में किए जा रहे प्रयासों से कैदी भी अपने जीवन में बदलाव लाएंगे।