अंतरराष्ट्रीय सीमा पर सुरक्षा को मजबूत करने के उद्देश्य से पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने अंतरराष्ट्रीय सीमा पर कंटीले तारों और सीमा चौकियों की सुरक्षा के लिए 176.29 करोड़ रुपये की लागत वाले बाढ़ प्रबंधन परियोजना को हरी झंडी दे दी।
अपनी आधिकारिक निवास पर राज्य बाढ़ नियंत्रण बोर्ड की बैठक की अध्यक्षता करते हुए, मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार को बीएसएफ और सेना से सीमा चौकियों की सुरक्षा के लिए लगातार अनुरोध मिल रहे थे। उन्होंने बताया कि ये क्षेत्र रावी, सतलुज और उज्ज नदी में आई बाढ़ से प्रभावित हुए हैं।
पहले राज्य को बाढ़ नियंत्रण के लिए मिलने वाले सीमित फंड्स को राष्ट्रीय महत्व के स्थानों की सुरक्षा के लिए इस्तेमाल कर लिया जाता था। भगवंत सिंह मान ने कहा कि इन कार्यों के राष्ट्रीय सुरक्षा पहलुओं को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने पंजाब में ऐसी 28 जगहों के लिए 176.29 करोड़ रुपये का एक प्रोजेक्ट तैयार किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सीमा चौकियों की रक्षा के लिए सीमा क्षेत्रों में बाढ़-रोधी कार्यों का बहुत महत्व है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए सीमा पर कंटीले तार और अन्य बुनियादी सुरक्षा ढांचा पहले ही दुरुस्त कर दिया गया है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि अब बाढ़ के बाद राहत कार्यों की जरूरत है, ताकि देश की सुरक्षा से कोई समझौता न हो।
सेना और सरकार मिलकर करेगी काम
मुख्यमंत्री मान ने कहा कि इस महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट के लिए स्थानों का चयन सेना के साथ मिलकर किया गया है। ये स्थान अमृतसर, तरन तारन, फिरोजपुर, पठानकोट और गुरदासपुर जिलों में मौजूद हैं। भगवंत सिंह मान ने बताया कि यह कार्य 28 स्थानों पर किया जाएगा और इस प्रोजेक्ट से 8695.27 हेक्टेयर जमीन को फायदा होगा।
इन 28 स्थानों में से फिरोजपुर में 7, अमृतसर में 11, तरन तारन में 3, गुरदासपुर में 5 और पठानकोट जिले में 2 स्थान हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस प्रोजेक्ट के तहत तरन तारन जिले में नदी के 1788 फुट किनारे को मजबूत करने का प्रस्ताव है।
इसमें फिरोजपुर में 1050 फुट और गुरदासपुर में 2875 फुट किनारों को मजबूत किया जाएगा। इस प्रोजेक्ट में 29140 फुट रिटेनिंग वॉल, 22 स्पर और 95 स्टड शामिल हैं। भगवंत सिंह मान ने कहा कि सीमा राज्य होने के नाते पंजाब में किए जाने वाले ये कार्य देश के लिए रणनीतिक रूप से काफी महत्वपूर्ण हैं।