एसजीपीसी अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी ने सीमावर्ती क्षेत्रों में फंसे लोगों के लिए गुरुद्वारों में आवास और सामुदायिक लंगर की व्यवस्था करने का निर्देश दिया है।
शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) ने भारत और पाकिस्तान के बीच तनावपूर्ण स्थिति को देखते हुए सीमावर्ती क्षेत्रों में विस्थापित लोगों के लिए गुरुद्वारा सराय के दरवाजे खोल दिए हैं। एसजीपीसी अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी ने सीमावर्ती क्षेत्रों में फंसे लोगों के लिए ऐतिहासिक गुरुद्वारों में आवास और सामुदायिक लंगर की व्यवस्था करने का निर्देश दिया है।
गुरुद्वारों में की गई व्यवस्था
एसजीपीसी सचिव प्रताप सिंह ने कहा कि एसजीपीसी अध्यक्ष के निर्देश पर विभिन्न गुरुद्वारों के प्रबंधकों को ये व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए हैं। इन गुरुद्वारों में शामिल हैं:
-
अमृतसर में 6 गुरुद्वारे
-
तरनतारन में 3 गुरुद्वारे
-
गुरदासपुर में 2 गुरुद्वारे
-
मुक्तसर, फिरोजपुर और पठानकोट में 1-1 गुरुद्वारा
इन गुरुद्वारों में विस्थापित लोगों के लिए आवास और लंगर की व्यवस्था की गई है। एसजीपीसी का यह कदम मानवता की सेवा के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है। इन गुरुद्वारों में से 6 अमृतसर में हैं- बसरके गिलान गांव में गुरुद्वारा सांह साहिब, गुरु का बाग घुकेवाली में गुरुद्वारा पातशाही छेवीं और गुरुद्वारा पातशाही नौवीं, गुरुद्वारा बाबा बुड्ढा साहिब जी रामदास, हुसैनीवाला में गुरुद्वारा गुरुसर सतलानी साहिब पातशाही छेवीं और गुरुद्वारा श्री छेहरटा साहिब पातशाही छेवीं।
3 तरनतारन में हैं- वान गांव में गुरुद्वारा भाई तारा सिंह जी शहीद, रत्तोके गांव में गुरुद्वारा बाबा बीर सिंह और गुरुद्वारा बीर बाबा बुड्ढा साहिब जी, गुरदासपुर में 2 तेजा कलां में गुरुद्वारा बाबा बुड्ढा जी और डेरा बाबा नानक में गुरुद्वारा श्री दरबार साहिब। वहीं, 1-1 मुक्तसर (गुरुद्वारा श्री दरबार साहिब), फिरोजपुर (बाजिदपुर में गुरुद्वारा जमनी साहिब पातशाही 10वीं) और पठानकोट (गुरुद्वारा श्री बार्थ साहिब) में हैं।