
पंजाब विधानसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस नेता प्रताप सिंह बाजवा के 50 बम वाले बयान पर हंगामा मच गया है।
पंजाब विधानसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस नेता प्रताप सिंह बाजवा मुश्किल में फंसते नजर आ रहे हैं। उनके एक बयान से राज्य में राजनीतिक भूचाल आ गया है। जिसके बाद उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई है।
बाजवा ने दावा किया था कि पंजाब में 50 बम आये थे, जिनमें से 18 फट गये तथा 32 अभी भी बचे हुए हैं। बाजवा ने कहा था कि इनमें से एक बम का इस्तेमाल भाजपा नेता मनोरंजन कालिया के घर को उड़ाने के लिए किया गया था।
कांग्रेस नेता ने यह बात एक पंजाबी चैनल को दिए साक्षात्कार के दौरान कही। बाजवा के बयान के बाद पंजाब पुलिस की काउंटर इंटेलिजेंस की एक टीम रविवार (13 अप्रैल) को चंडीगढ़ के सेक्टर-8 स्थित उनके आवास पर पहुंची।
इस बीच, उनसे उनके बयान के स्रोत के बारे में पूछा गया। हालांकि, पुलिस का दावा है कि प्रताप सिंह बाजवा ने जांच में सहयोग नहीं किया। उन्होंने कोई भी जानकारी देने से इनकार कर दिया।
प्रताप सिंह बाजवा के खिलाफ FIR दर्ज
पंजाब पुलिस ने बाजवा के खिलाफ मोहाली के साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में आईपीसी की धारा 197 (1) (डी) और 353 (2) के तहत मामला दर्ज किया है। आईपीसी की धारा 197 (1) (डी) भारत की सुरक्षा, एकता और अखंडता के लिए हानिकारक झूठी और भ्रामक सूचना प्रसारित करने के आरोप से निपटती है, जबकि धारा 353 (2) विभिन्न समुदायों के बीच नफरत भड़काने के इरादे से झूठी सूचना फैलाने से निपटती है।
बाजवा ने स्रोत के बारे में जानकारी नहीं दी।
एआईजी रवजोत ग्रेवाल ने कहा कि यह बहुत संवेदनशील मामला है। यह राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा मुद्दा है, इसलिए हमारे लिए इसका स्रोत ढूंढना महत्वपूर्ण था। उन्होंने कहा कि हमने प्रताप बाजवा से पूछताछ की है, लेकिन बाजवा ने पूछताछ में सहयोग नहीं किया।
उन्होंने कहा कि पंजाब पुलिस एक पेशेवर बल है और हम इस मामले की तह तक पहुंचेंगे। ग्रेवाल ने कहा कि हम इस जानकारी का स्रोत जानना चाहते थे, लेकिन प्रताप सिंह बाजवा ने हमें अपने बयान और जानकारी का कोई स्रोत नहीं बताया।
बाजवा के बयान पर सीएम मान भड़के
इस बीच, राज्य के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने बाजवा के बयान को गैरजिम्मेदाराना करार देते हुए उन पर निशाना साधा और सवाल उठाए। उन्होंने सवाल किया कि बाजवा को यह जानकारी कहां से मिली। न तो खुफिया एजेंसी के पास ऐसी कोई जानकारी है और न ही केंद्र सरकार की ओर से कोई सूचना मिली है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बाजवा को पंजाब पुलिस को बताना चाहिए कि बम कहां हैं। अगर यह झूठ है तो क्या वह ऐसा बयान देकर पंजाब में आतंक फैलाना चाहते हैं?
मान ने कहा कि अगर बाजवा के बयान का मकसद सिर्फ आतंक फैलाना है तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर बाजवा को यह जानकारी मिली है तो उनका पाकिस्तान से क्या संबंध है कि वहां के आतंकवादी उन्हें सीधे फोन करके बता रहे हैं कि हमने कितने बम भेजे हैं? यह जानकारी न तो इंटेलिजेंस के पास है और न ही केंद्र सरकार के पास, लेकिन जब यह बात विपक्ष के इतने वरिष्ठ नेता तक पहुंची तो उनकी जिम्मेदारी थी कि वे पंजाब पुलिस को सूचित करते कि यहां बम है।
क्या बाजवा आतंक फैलाने के लिए ऐसा कह रहे हैं?
मान ने आगे कहा कि क्या बाजवा बम फटने और लोगों के मरने का इंतजार कर रहे थे ताकि उनकी राजनीति चलती रहे? और अगर यह झूठ है तो क्या वे ऐसी बातें कहकर पंजाब में आतंक फैलाना चाहते हैं? उन्होंने कहा कि बाजवा को स्पष्ट तौर पर बताना होगा कि उन्हें यह जानकारी कहां से मिली, उनके कौन से सूत्र हैं जो सीधे तौर पर उन्हें ऐसी जानकारी दे रहे हैं और अगर ऐसा नहीं है तो वह ऐसा कहकर आतंक फैला रहे हैं और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि अगर उनका मकसद आतंक फैलाना है तो कांग्रेस पार्टी को उन्हें निष्कासित कर देना चाहिए क्योंकि वे देश के खिलाफ काम कर रहे हैं और देश विरोधी ताकतों के साथ खड़े हैं।
इस मामले में लुधियाना से कांग्रेस सांसद अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर कर कहा कि प्रताप सिंह बाजवा एक संवैधानिक पद पर बैठे जिम्मेदार नेता हैं, अगर उन्होंने कोई जानकारी शेयर की है तो आप उसका इस्तेमाल करें और अपनी पुलिस और खुफिया एजेंसियों का इस्तेमाल कर उस पर कार्रवाई करें। इसके बजाय, आप उन्हें डराने की कोशिश कर रहे हैं। वारिंग ने कहा कि बाजवा द्वारा उठाया गया मुद्दा सही है।