Akali Dal में रहकर अपने विचारों के अनुरूप लोगों की सेवा करना संभव नहीं है
अनिल जोशी ने शिरोमणि अकाली दल से इस्तीफा दे दिया हैं। अनिल जोशी ने बलविंदर सिंह भूंदड़ काे इस्तीफा भेजते हुए कहा कि मेरा अनुरोध है कि मैं 2021 में शिरोमणि अकाली दल का हिस्सा बन गया, जब भारतीय जनता पार्टी ने मुझे पंजाब और किसानों के पक्ष में और तीन कृषि कानूनों के खिलाफ आवाज उठाने के लिए 6 साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया।
मैं शिरोमणि अकाली दल में शामिल हुआ, क्योंकि मुझे हमेशा लगता था कि प्रकाश सिंह बादल पंजाब की एकता, अखंडता और आपसी भाईचारे के ध्वजवाहक थे और 5 बार मुख्यमंत्री रहते हुए उन्होंने हमेशा हर धर्म और जाति का सम्मान किया।
यही सोच मैं सरदार सुखबीर सिंह बादल अध्यक्ष शिरोमणि अकाली दल में देखता था, लेकिन पिछले कुछ समय से पार्टी में जो घटना चल रही है, उसमें मुझे लगा है कि पंजाब के असली मुद्दे पर कुछ नहीं कहा जा रहा है, न ही उस सांप्रदायिक सोच के बारे में कुछ कहा जा रहा है, जिसके लिए मैं पार्टी में शामिल हुआ था, लेकिन ऐसा लगता है कि शिरोमणि अकाली दल केवल धर्म और सांप्रदायिक एजेंडे में ही उलझा हुआ है।
मैं इस सांप्रदायिक राजनीति में अपने लिए कोई जगह नहीं देखता, क्योंकि मैं हमेशा धर्मनिरपेक्षता और व्यापक विकास का समर्थक रहा हूं।
प्रकाश सिंह बादल जी के निधन के बाद पार्टी के जो हालात हैं और जो मुद्दे इस वक्त पार्टी पर हावी हैं, उसके बाद शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल को भी अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने का निर्णय लिया।
मेरे लिए यह संभव नहीं है कि मैं शिरोमणि अकाली दल में रहकर अपने विचारों के अनुरूप काम करूँ और पंजाब के लोगों की सेवा करूँ, जो कि मेरे जीवन का पहला और आखिरी लक्ष्य है। इसलिए मैं भरे मन से पार्टी की प्राथमिक सदस्यता और सभी पदों से अपना इस्तीफा पार्टी को भेज रहा हूं। अनुरोध है कि मेरा इस्तीफा तुरंत स्वीकार किया जाए।