महाराष्ट्र में बीजेपी सत्ता में वापसी कर सके इसलिए संघ अब मैदान में उतर चुका है।
महाराष्ट्र चुनाव 2024 में जैसे-जैसे वोटिंग की तारीख नजदीक आती जा रही है, महायुति और महाअघाड़ी में आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के बयान को लेकर पीएम मोदी से लेकर पूरी बीजेपी जहां एक तरफ लामबंद हो रही है, वहीं दूसरी ओर कांग्रेस लोकसभा चुनाव की तरह संविधान और आरक्षण जैसे मुद्दे उठाकर सत्ता में वापसी की कोशिश में जुटी है। इस बीच चर्चा है कि संघ बीजेपी की वापसी के लिए हिंदू वोटों के एकीकरण के लिए लगातार फील्ड पर काम कर रहा है।
आरएसएस अपने 65 से अधिक आनुषंगिक संगठनों की मदद से विधानसभा चुनाव में हिंदुत्व की धार को तेज करने के लिए काम कर रहा है। संघ सीएम योगी आदित्यनाथ के बंटेंगे तो कटेंगे वाले बयान पर पहले ही सहमति दे चुका है। अब इस नारे को अमलीजामा पहनाने के लिए संघ पूरी मुस्तैदी के साथ जुट चुका है। संघ हिंदू वोटों को बीजेपी के पक्ष में लामबंद करने के लिए सजग रहो नामक अभियान चला रहा है।
योगी के नारे पर पीएम मोदी की मुहर
सीएम योगी आदित्यनाथ के बंटेंगे तो कटेंगे वाले बयान से एक कदम आगे बढ़ाते हुए पीएम मोदी ने शुक्रवार को धुले में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा कि एक है तो सुरक्षित है। बीजेपी और संघ का मानना है कि बीजेपी मालेगांव में मुस्लिम वोटों की एकजुटता के कारण लोकसभा चुनाव हार गई थी। ऐसे में बीजेपी और संघ महाराष्ट्र के हिंदुओं को बांग्लादेश में हिंदुओं पर हुए नरसंहार से जोड़कर एक करने की कोशिश में है। बीजेपी और संघ हिंदुओं को यह मैसेज देने की कोशिश में जुटे हैं कि एक रहकर ही आप सुरक्षित रह सकते हैं।
जानें क्या है सजग रहो अभियान
संघ परिवार की मानें तो सजग रहो अभियान का उद्देश्य किसी समुदाय विशेष के खिलाफ नहीं है। बल्कि इस अभियान के जरिए वे हिंदुओं के जातिगत विभाजन को खत्म करना चाहते हैं। भाजपा के पदाधिकारी ने बताया कि संघ और उसके आनुषंगिक संगठन महाराष्ट्र में सैकड़ों बैठकें आयोजित कर इस अभियान को अमलीजामा पहनाने में जुटे हैं। संघ का मानना है कि हिंदू जाति के आधार पर बंट जाते हैं, जबकि मुस्लिम मतभेद भुलाकर चुनाव में एक साथ वोट करते हैं, ताकि बीजेपी को हराया जा सके।
ये संगठन कर रहे संघ की मदद
संघ के इस प्रयास में चाणक्य प्रतिष्ठान, मातंग साहित्य परिषद् और रणरागिनी सेवाभावी जैसे संस्थान शामिल हैं। संघ पूरे महाराष्ट्र के चारों प्रांतों कोंकण, देवगिरि, पश्चिमी महाराष्ट्र और विदर्भ में इस अभियान के तहत शाखाओं के जरिए हिंदुओं को एकजुट करने में जुटा है। इसके लिए बैठकें भी आयोजित की जा रही है।