इस पर विरोधी दल के नेताओं ने अपनी प्रतिक्रियाएँ भी देनी शुरू कर दी है।
पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टनअमरिंदर सिंह आज एशिया की सबसे बड़ी अनाज मंडी खन्ना में धान की खरीद और लिफ्टिंग में आ रही दिक्कतों का जायजा लेने पहुंचे थे। लगभग 3 साल बाद कैप्टन फिर से राज्य की राजनीति में सक्रिय हुए है।
इस पर विरोधी दल के नेताओं ने अपनी प्रतिक्रियाएँ भी देनी शुरू कर दी है। पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि आज तक उन्होंने कभी न तो पंजाब के लोगों की बात है की है न ही किसानों की।
उन्होंने कहा की कैप्टन अपनी खोई हुई सियासी जमीन हासिल करने के लिए ड्रामेबाज़ी कर रहे है। जब काले कानून आए थे तब भी आम आदमी पार्टी ने कहा था की वह पंजाब के मुख्य मंत्री के तौर पर नहीं बल्कि बीजेपी के एजेंट के तौर पर काम कर रहे है। आज तक केंद्र सरकार के सामने न तो कैप्टन ने और न ही किसी और लीडर ने पंजाब कि बात की है।
केंद्र सरकार को भी आड़े हाथो लेते हुए चीमा ने कहा कि बीजेपी किसानों,आढ़तियों और शैलर मालिकों से नफ़रत करती है, इसी लिए किसी मसले का हल नहीं करना चाहती।
उन्होंने कहा की केंद्र सरकार ने ना तो किसानों की बता सुनी न ही आढ़तियों की। केंद्र ने समय रहते मंडियों से धान नहीं उठाया, जिस कारण किसानों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।