गांधी जयंती पर कांग्रेस ने मोदी सरकार को घेरने का प्लान बनाया है. कांग्रेस ने देशभर में अपनी इकाइयों को निर्देश दिया है कि गांधी जयंती को ध्यान दिलाते हुए अपने तरीके से प्रोटेस्ट करें. इस प्रोटेस्ट में कांग्रेस आलाकमान खुद भी शामिल होगा. कांग्रेस पार्टी का कहना है कि मोदी सरकार सिर्फ गांधी का नाम लेती है, लेकिन उनके आदर्शों को तार तार करती है।
मोदी सरकार के मुख में गांधी है लेकिन उसकी नीति अंग्रेजों की है. कांग्रेस पार्टी आज जिन मसलों पर मोदी सरकार को घेरने की योजना बनाई है, उनमें कई चीजें शामिल हैं. पहला तो ये कि गांधीवादी तरीके से दिल्ली में प्रदर्शन करना चाह रहे लद्दाख के सोनम वांगचुक को क्यों रोका? दूसरा हरियाणा चुनाव को सामने रखते हुए यूंही किसानों को रोककर राह में कील कांटे क्यों बिछाए?
राहुल गांधी किसानों की तरह लद्दाख के मुद्दे को लेकर भी मुखर हैं. उन्होंने सोनम वांगचुक को हिरासत में लेने का विरोध दर्ज कराया है. कल यानी सोमवार की रात दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर पर उन्हें हिरासत में ले लिया गया।
दरअसल, वांगचुक लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग को लेकर दिल्ली मार्च कर रहे थे. 2 अक्टूबर यानी आज उन्हें राजघाट पहुंचना था लेकिन दिल्ली एंटर करते ही दिल्ली पुलिस ने उन्हें हिरासत ले लिया।
सोनम वांगचुक को हिरासत में लेने पर गरमाई सियासत
सोनम वांगचुक को हिरासत में लेने के बाद देश की सियासत गरमा गई है. लेह में लोग सड़कों पर उतर आए हैं. जमकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. लेह में बंद का भी ऐलान किया गया है. सोनम की गिरफ्तारी का कांग्रेस पार्टी ने विरोध जताया है।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे सोनम के खिलाफ इस कार्रवाई को अलोकतांत्रिक बताया है. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने जिस तरह लद्दाख से आए सोनम वांगचुक के साथ व्यवहार किया है, इससे भारत की छवी बहुत खराब होने वाली है।
वहीं, कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा कि सोनम वांगचुक लद्दाख के बहुत सम्मानित व्यक्ति हैं. पूरे भारत में लोग उनका सम्मान करते हैं. उन्होंने लद्दाख से राजघाट तक शांतिपूर्ण मार्च की योजना बनाई।
उनके साथ कई कांग्रेस नेताओं को भी हिरासत में लिया गया है. वे अपने वैध अधिकारों की मांग कर रहे हैं. लोकतांत्रिक व्यवस्था में सभी को विरोध करने का अधिकार है. सरकार को उनसे बातचीत करनी चाहिए. मुझे समझ नहीं आ रहा है कि सरकार किस तरह से काम कर रही है।