सोशल एक्टिविस्ट सोनम वांगचुक को दिल्ली पुलिस ने सिंघू बॉर्डर पर हिरासत में ले लिया है। वांगचुक के साथ करीब 130 लोगों को भी हिरासत में लिया गया।
सोनम वांगचुक जैसे ही अपनी 700 किलोमीटर लंबी ‘दिल्ली चलो पदयात्रा’ करते हुए हरियाणा से दिल्ली में दाखिल हुए पुलिस ने उन्हें रोक लिया। अब दिल्ली की मुख्यमंत्री अतिशी ने सोनम वांगचुक से मिलने जाने का ऐलान किया है।
वहीं मंगलवार की सुबह लद्दाख के सांसद हाजी हनीफा जान और सोनम वांगचुक के समर्थकों को सिंघु बॉर्डर से हिरासत में लिया गया। पुलिस उन्हें लेकर नरेला पुलिस स्टेशन गई है।
आतिशी ने एक्स पर पोस्ट करके कहा कि सोनम वांगचुक और 150 लद्दाखी भाई-बहन शांतिपूर्ण तरीके से दिल्ली आ रहे थे। उनको पुलिस ने रोक लिया है। सोमवार की रात से ही बवाना थाने में कैद हैं।
क्या लद्दाख के लोकतांत्रिक अधिकार मांगना गलत है? क्या 2 अक्तूबर को सत्याग्रहियों का राजघाट जाना गलत है। दिल्ली की मुख्यमंत्री ने कहा कि सोनम वांगचुक को रोकना तानाशाही है। मंगलवार की दोपहर 1 बजे उनसे मिलने बवाना थाने जाऊंगी।
राहुल गांधी ने भी खोला मोर्चा
इससे पहले राहुल गांधी ने सोनम वांगचुक को हिरासत में लेने पर नरेंद्र मोदी सरकार की आलोचना की। राहुल गांधी ने देर रात ट्विटर पर दिल्ली पुलिस के इस कदम पर नाराजगी जताई।
नेता प्रतिपक्ष ने पीएम मोदी को संबोधित करते हुए कहा कि किसानों की तरह लद्दाखी लोग भी इन्हें परेशान करने के लिए बनाए गए चक्रव्यूह को तोड़ देंगे। सामाजिक कार्यकर्ता सोनम वांगचुक सिंघु बॉर्डर से मार्च करते हुए मजनूं का टीला पहुंचने वाले थे। गांधी जयंती के मौके पर उनका अपने ग्रुप के साथ राजघाट जाने का कार्यक्रम था।
बता दें कि सोनम वांगचुक अपने 150 साथियों के साथ दिल्ली बॉर्डर पहुंचे हैं। पुलिस ने सोनम वांगचुक और उनके साथियों को हिरासत में ले लिया है।
इस समय दिल्ली में भारतीय न्याय संहिता की धारा 163 के तहत एक जगह पर पांच लोगों के इकट्ठा होने पर प्रतिबंध है। ये प्रावधान 30 सितंबर से 5 अक्टूबर तक लागू रहेगा। सोनम वांगचुक को इसी प्रावधान के तहत हिरासत में लिया गया है।
सोनम वांगचुक और उनके साथियों की मांग है कि लद्दाख को 6वीं अनुसूची से जोड़ा जाए। ऐसा होने पर लद्दाख के लोगों को अपने लिए कानून बनाने की शक्ति मिलेगी। इससे स्थानीय स्तर पर लद्दाख के पर्यावरण और संस्कृति को बचाने के लिए कानून बनाया जा सकेगा।
I AM BEING DETAINED…
along with 150 padyatris
at Delhi Border, by a police force of 100s some say 1,000.
Many elderly men & women in their 80s and few dozen Army veterans…
Our fate is unknown.
We were on a most peaceful march to Bapu’s Samadhi… in the largest democracy… pic.twitter.com/iPZOJE5uuM— Sonam Wangchuk (@Wangchuk66) September 30, 2024
दिल्ली चलो पदयात्रा
हिरासत के बाद सोनम वांगचुक और उनके साथियों को अलीपुर पुलिस स्टेशन और दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर स्थित थानों में रखा गया है। मार्च में भाग ले रही महिलाओं को हिरासत में नहीं लिया गया है।
बता दें कि लेह अपेक्स बॉडी ने दिल्ली चलो पदयात्रा का आयोजन किया है। इस पदयात्रा में करगिल डेमोक्रेटिक अलायंस भी साझेदार है। पिछले 4 साल से दोनों संगठन लद्दाख के लिए स्टेटहुड और 6वीं अनुसूची की मांग को लेकर अभियान चला रहे हैं।
उनकी मांगों में जल्द से जल्द भर्ती प्रक्रिया शुरू करने और लद्दाख के लिए पब्लिक सर्विस कमीशन की बात भी है। साथ ही लद्दाख और करगिल के लिए अलग-अलग लोकसभा सीट की मांग भी है।