उत्तराखंड के चमोली में भीषण ग्लेशियर एवलांच देखने को मिला है।
उत्तराखंड के चमोली में ग्लेशियर टूटने की खबर से हड़कंप मच गया है। 47 मजदूरों के बर्फ के नीचे दबे होने की आशंका है, जिन्हें बाहर निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। चमोली में आई इस आपदा ने 4 साल पुरानी त्रासदी की यादें ताजा कर दी हैं।
7 फरवरी 2021 को हुई थी घटना
4 साल पहले 7 फरवरी 2021 को उत्तराखंड के चमोली में ऐसी ही भयंकर तबाही देखने को मिली थी। UNESCO वर्ल्ड हैरिटेज साइट्स में शुमार नंदादेवी राष्ट्रीय उद्यान के पास गढ़वाल इलाके में ग्लेशियर का एक बड़ा टुकड़ा टूटकर गिर पड़ा था। इस हिमखंड के टूटने से पूरे इलाके में भीषण बाढ़ आ गई थी।
200 से ज्यादा लोग लापता
ग्लेशियर टूटने के कारण धौलीगंगा नदी अपने पूरे ऊफान पर थी, जिसका असर अलखनंदा नदी पर पड़ा और उत्तराखंड के मैदानी इलाकों में भारी बाढ़ आ गई। इस आपदा में 200 से ज्यादा लोग लापता हुए थे, वहीं 80 से ज्यादा लोगों के शव बरामद किए गए थे। रिपोर्ट्स की मानें तो इस भयंकर त्रासदी में हजारों लोगों ने अपनी जान गंवाई होगी, जिनके शव मलबे में बह गए।
क्यों हुआ था हादसा?
इंटरनेशनल चार्टर स्पेस एंड मेजर डिजास्टर ने जून 2021 में चमोली एवलांच पर रिपोर्ट जारी की थी। इसके अनुसार ग्लेशियर का एक बड़ा टुकड़ा टूटकर नीचे गिरा, जिसने पिघल कर पानी का रूप ले लिया। इसकी वजह से धौलीगंगा और अलखलंगा समेत कई नदियां ऊफान पर आ गईं और रास्ते में आने वाले कई घरों को अपने साथ बहाकर ले गईं।