बेंगलुरु टेस्ट की पहली पारी में महज 46 रन पर ढेर होने के बाद कप्तान रोहित शर्मा ने अपने फैसले को लेकर दुख जाहिर किया है।
बेंगलुरु टेस्ट का दूसरा दिन भारतीय क्रिकेट के इतिहास का सबसे काला दिन बन गया। टॉस जीतने के बाद पहले बल्लेबाजी करने उतरी टीम इंडिया सिर्फ 46 रन बनाकर ऑलआउट हो गई। ना रोहित चले, ना कोहली का बल्ला बोला और ना पंत-जडेजा बचा पाए टीम की लाज। आलम यह रहा कि पांच बल्लेबाज तो बिना खाता खोले ही पवेलियन लौट गए। बड़ी मुश्किल से टीम के दो बल्लेबाज दहाई का आंकड़ा पार कर सके। दिन का खेल खत्म होने के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में कप्तान रोहित शर्मा को अपने ही फैसले पर अब अफसोस हो रहा है। रोहित का कहना है कि टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी चुनना गलत फैसला था और वह बैटिंग ऑर्डर की हुई दुर्दशा से काफी दुखी हैं।
रोहित ने हुआ फैसले पर अफसोस
बेंगलुरु टेस्ट में टीम इंडिया पूरी तरह से बैकफुट पर है। न्यूजीलैंड ने पहली पारी के आधार पर 134 रन की बढ़त हासिल कर ली है और टीम के अभी 7 विकेट हाथ में हैं। भारतीय कप्तान रोहित ने माना कि उनसे पिच को समझने में भारी चूक हुई और उनका फैसला टीम पर भारी पड़ गया। प्रेस कॉन्फ्रेंस में रोहित ने कहा, ‘मुझे कप्तान के तौर पर 46 रन का स्कोर देखकर दुख हो रहा है, क्योंकि पहले बल्लेबाजी करने का फैसला मेरा ही था।’ हालांकि, हिटमैन ने कहा कि साल में एक या दो गलत फैसले चल सकते हैं।
सबसे न्यूनतम स्कोर पर ढेर हुई टीम इंडिया
टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में भारतीय टीम अपनी सरजमीं पर सबसे कम स्कोर पर ऑलआउट हुई। टीम इंडिया का बैटिंग ऑर्डर ताश के पत्तों की तरह बिखर गया। कप्तान रोहित शर्मा 2 रन बनाकर टिम साउदी की गेंद पर क्लीन बोल्ड क्या हुआ, इसके बाद तो मानो बल्लेबाजों ने ‘तू चल मैं आया’ की राह पकड़ ली। विराट कोहली, केएल राहुल, रविंद्र जडेजा, आर अश्विन, सरफराज खान तो अपना खाता तक नहीं खोल सके। टीम की ओर से सर्वाधिक 20 रन की पारी ऋषभ पंत के बल्ले से निकली। भारतीय टीम टेस्ट में अपने सबसे कम स्कोर 36 रन से भी कम स्कोर पर ऑलआउट होने से बाल-बाल बची। 92 साल में यह पहला मौका है, जब पूरी भारतीय टीम 50 रन से कम स्कोर के अंदर सिमट गई।