90 सीटों वाली विधानसभा में बीजेपी ने 50 सीटों पर बढ़त बना रखी है। इस चुनाव के परिणाम बताते हैं कि बीजेपी ने फिर से अपनी स्थिति मजबूत की है, जो राज्य की राजनीति में एक महत्वपूर्ण बदलाव का संकेत है। इस चुनाव में हिसार सीट पर सभी की निगाहें थीं, क्योंकि यहां भारत की सबसे अमीर महिला, सावित्री जिंदल, निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनावी मैदान में उतरी थीं। उनकी उपस्थिति ने इस सीट को खास बना दिया और चुनावी मुकाबले को और भी रोमांचक बना दिया।
सावित्री जिंदल की जीत
कुरुक्षेत्र से भाजपा सांसद नवीन जिंदल की मां सावित्री जिंदल ने हिसार सीट से अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी और कांग्रेस उम्मीदवार राम निवास राणा को 18,941 वोटों से हराया। उन्हें कुल 49,231 वोट मिले, जबकि राम निवास राणा को 30,290 वोट मिले। बीजेपी के उम्मीदवार और निवर्तमान विधायक कमल गुप्ता तीसरे स्थान पर रहे, जिनके पास 17,385 वोट थे।
सावित्री जिंदल का परिचय
फोर्ब्स इंडिया ने सावित्री जिंदल को इस साल भारत की सबसे अमीर महिला बताया है। 75 साल की सावित्री जिंदल ओपी जिंदल ग्रुप की मानद अध्यक्ष हैं। उनके पति ओपी जिंदल का निधन 2005 में हुआ, तब से वह कंपनी की जिम्मेदारी संभाल रही हैं। उनकी कुल नेटवर्थ 39.5 अरब डॉलर है।
राजनीति में एंट्री
सावित्री जिंदल ने 2005 में अपने पति के निधन के बाद राजनीति में कदम रखा। उन्होंने हरियाणा की हिसार सीट से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा और जीती। 2013 तक वह इस सीट पर बनी रहीं और 2009 में फिर से चुनाव जीतीं।
हिसार का जातीय समीकरण
हिसार में विभिन्न जातियों के मतदाता हैं:
- 31,000 पंजाबी
- 24,000 बनिया
- 17,000 सैनी
- 16,000 जाट
- 11,000 ब्राह्मण
हिसार सीट पर 17 बार हुए चुनावों में 14 बार वैश्य, 2 बार पंजाबी, और 1 बार सैनी जाति से विधायक रहे हैं। यहां कुल वोटर्स में 87,243 पुरुष और 77,782 महिला वोटर्स हैं।
बीजेपी की स्थिति
हरियाणा में 90 विधानसभा सीटों पर 5 अक्टूबर को मतदान हुआ। इस बार चुनाव में कांग्रेस और बीजेपी के बीच सीधा मुकाबला देखने को मिला। बीजेपी पिछले 10 साल से सत्ता में है और इस बार भी उसने अच्छा प्रदर्शन किया है। वर्तमान में, पार्टी 49 सीटों पर आगे चल रही है, जो उसकी मजबूत स्थिति को दर्शाता है। वहीं, कांग्रेस 36 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है। इंडियन नेशनल लोक दल 2 सीटों पर आगे है, जबकि निर्दलीय उम्मीदवार 3 सीटों आगे हैं। यह चुनावी परिदृश्य हरियाणा की राजनीति में महत्वपूर्ण बदलाव का संकेत दे रहा है।