पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के जस्टिस एनएस शेखावत की सुरक्षा में तैनात पंजाब पुलिस के जवानों को हटा दिया गया है। इसके साथ ही अब उनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी चंडीगढ़ और हरियाणा पुलिस की होगी।
यह फैसला पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने लिया है। इस मामले की अगली सुनवाई 1 अक्टूबर को होगी। इस बीच पंजाब पुलिस अपनी जांच से जुड़ा हलफनामा कोर्ट में पेश करेगी। साथ ही यह भी बताएगी कि इस संबंध में दर्ज मामले में उसने क्या कार्रवाई की है। हालांकि कोर्ट ने इस मामले को सुरक्षा में सीधी चूक माना है जो गंभीर विषय है।
क्या है मामला
22 सितंबर को जस्टिस एनएस शेखावत दर्शन के लिए स्वर्ण मंदिर पहुंचे थे। इस दौरान उनकी सुरक्षा में तैनात लोग वहां मौजूद थे। एएसआई अश्वनी एस्कॉर्ट वाहन के साथ मौजूद थे। इसी बीच एक व्यक्ति अचानक आया और एएसआई की पिस्तौल छीन ली। इससे पहले कि कोई कुछ कर पाता उसने खुद को गोली मार ली। जज को तुरंत सुरक्षाकर्मियों ने घेर लिया।
पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने मीडिया में आते ही इस मामले का खुद संज्ञान लिया है। पहली एफआईआर 22 सितंबर की घटना को लेकर दर्ज की गई है, जबकि दूसरी एफआईआर 23 सितंबर को बरनाला में किसानों और भीड़ द्वारा जस्टिस शेखावत की गाड़ी रोके जाने को लेकर दर्ज की गई है, क्योंकि उस दिन बरनाला में किसानों ने जस्टिस शेखावत की गाड़ी रोकी थी। हाईकोर्ट ने कहा कि यह जज की सुरक्षा में चूक का गंभीर मामला है, इसकी जांच होनी चाहिए और 1 अक्टूबर को रिपोर्ट पेश की जानी चाहिए।