पंजाब सरकार ने किसानों के हित में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए आगामी धान की बुवाई के सीजन के लिए बिजली आपूर्ति का विस्तृत शेड्यूल घोषित किया है।
पंजाब सरकार ने किसानों के हित में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए आगामी धान की बुवाई के सीजन के लिए बिजली आपूर्ति का विस्तृत शेड्यूल घोषित किया है। राज्य के बिजली मंत्री हरभजन सिंह ईटीओ ने यह जानकारी दी कि मुख्यमंत्री भगवंत मान के निर्देशानुसार यह योजना तैयार की गई है ताकि किसानों को समय पर, निर्बाध और पर्याप्त बिजली मिल सके।
-बिजाई के लिए ज़ोनवार शेड्यूल तय
1. सरकार ने प्रदेश को विभिन्न जोनों में बांटते हुए धान की बुवाई की तारीखें निर्धारित की हैं:
2. 15 मई से 31 मई तक डायरेक्ट सीडिंग ऑफ राइस (DSR) पद्धति के लिए बुवाई की अनुमति दी गई है, और इस दौरान संबंधित क्षेत्रों को 8 घंटे प्रतिदिन बिजली आपूर्ति पहले ही शुरू कर दी गई है।
3. 1 जून से अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटे एवं नहरी सिंचाई वाले जिलों – फरीदकोट, बठिंडा, फिरोजपुर, श्री मुक्तसर साहिब और फाजिल्का – में धान की बुवाई शुरू होगी।
4. 5 जून से गुरदासपुर, पठानकोट, तरनतारन, अमृतसर, रूपनगर, एसएएस नगर (मोहाली), फतेहगढ़ साहिब और होशियारपुर में बुवाई की शुरुआत होगी।
5.9 जून से बाकी जिलों – लुधियाना, मलेरकोटला, मानसा, मोगा, पटियाला, संगरूर, बरनाला, कपूरथला, जालंधर और शहीद भगत सिंह नगर – में बुवाई का कार्य शुरू किया जाएगा।
-बिजली आपूर्ति के लिए पुख्ता प्रबंध
मंत्री हरभजन सिंह ईटीओ ने बताया कि इस वर्ष राज्य में बिजली की मांग 17,000 मेगावॉट तक पहुंच सकती है, जो पिछले वर्ष की अधिकतम 16,058 मेगावॉट मांग से अधिक है। इसके बावजूद, राज्य सरकार ने कुल 10,400 मेगावॉट बिजली की उपलब्धता सुनिश्चित कर ली है। सभी थर्मल प्लांट पूरी क्षमता से काम कर रहे हैं, केवल गोइंदवाल संयंत्र आंशिक रूप से चालू है। उन्होंने कहा, “कोयले की कोई कमी नहीं है और घरेलू तथा व्यावसायिक उपभोक्ताओं को भी नियमित आपूर्ति जारी रहेगी। सरकार की प्राथमिकता किसानों को समय पर बिजली देना है।”
-सरकार की प्रतिबद्धता
राज्य सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि किसानों को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो, इसके लिए सभी विभागों के बीच समन्वय स्थापित किया गया है। यह शेड्यूल केवल बिजली आपूर्ति नहीं, बल्कि एक सुनियोजित कृषि रणनीति का हिस्सा है, जिससे जल संरक्षण को भी बढ़ावा मिलेगा।
बिजली मंत्री ने किसानों को भरोसा दिलाया कि वे पंजाब की रीढ़ अन्नदाता को हर संभव सहायता देने के लिए प्रतिबद्ध हैं और इस दिशा में राज्य सरकार पूरी तरह सतर्क और सक्रिय है। इस शेड्यूल से जहां किसानों को राहत मिलेगी, वहीं बिजली प्रबंधन में पारदर्शिता और पूर्व योजना से राज्य की कृषि उत्पादकता को भी बढ़ावा मिलेगा।