संगरूर जेल से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है।
पंजाब की संगरूर जेल से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां खुद जेल के सुरक्षा अधिकारी पर तस्करी जैसे गंभीर अपराध में शामिल होने का आरोप लगा है। पुलिस ने छापेमारी कर डीएसपी (सुरक्षा) गुरप्रीत सिंह को गिरफ्तार कर लिया है, जिन पर जेल के भीतर मादक पदार्थ और प्रतिबंधित इलेक्ट्रॉनिक सामानों की तस्करी में संलिप्त होने के आरोप हैं।
-पंजाब पुलिस की कार्रवाई
पंजाब पुलिस द्वारा मिली गुप्त सूचना के आधार पर की गई इस छापेमारी में जेल के भीतर से 9 मोबाइल फोन, 4 स्मार्टवॉच, 50 ग्राम अफीम और अन्य अवैध सामग्री जब्त की गई है। यह बरामदगी इस बात की पुष्टि करती है कि जेल के भीतर से ही एक संगठित तस्करी रैकेट संचालित किया जा रहा था।
सबसे हैरान करने वाली बात यह रही कि इस पूरे रैकेट में जेल के डीएसपी गुरप्रीत सिंह की सक्रिय भूमिका सामने आई। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि गुरप्रीत सिंह न केवल इस नेटवर्क का हिस्सा थे, बल्कि वे इसके संचालन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे थे। बताया जा रहा है कि वे यूपीआई के माध्यम से अपने परिवार के खातों में तस्करी से होने वाला पैसा मंगवा रहे थे।
इस कार्रवाई के बाद जेल प्रशासन की कार्यशैली और निगरानी व्यवस्था पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। एक ओर जहां जेलों को सुधार गृह माना जाता है, वहीं दूसरी ओर उन्हीं दीवारों के भीतर से मादक पदार्थ और मोबाइल फोन जैसी चीज़ों की तस्करी, एक बड़ी सुरक्षा चूक को उजागर करती है।
-डीजीपी गौरव यादव ने दी जानकारी
पंजाब के पुलिस डीजीपी गौरव यादव ने मामले में सख्त रुख अपनाते हुए कहा, “कोई भी व्यक्ति कानून से ऊपर नहीं है। यदि कोई अधिकारी अपनी जिम्मेदारी का दुरुपयोग करता है और अपराधियों से मिलकर अवैध गतिविधियों में शामिल होता है, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।”
फिलहाल मामले की जांच जारी है और पुलिस द्वारा और गिरफ्तारियों की संभावना जताई जा रही है। यह घटना न केवल जेल प्रशासन के लिए एक चेतावनी है, बल्कि पूरे सुरक्षा तंत्र के लिए भी आत्मनिरीक्षण का विषय बन गई है।