पंजाब सरकार ने राज्य की कानूनी व्यवस्था को और अधिक मजबूत बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है।
पंजाब सरकार ने राज्य की कानूनी व्यवस्था को और अधिक मजबूत बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। बुधवार को राज्य सरकार ने एडवोकेट जनरल (एजी) कार्यालय में 111 विधि अधिकारियों की नियुक्ति एवं पहले से कार्यरत अधिकारियों के कार्यकाल विस्तार की घोषणा की। यह निर्णय पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय तथा सर्वोच्च न्यायालय में राज्य सरकार की कानूनी उपस्थिति को सशक्त करने के उद्देश्य से लिया गया है।
-अधिकारियों को नई जिम्मेदारियाँ सौंपी
इस नई अधिसूचना के तहत चंडीगढ़ और दिल्ली में कार्यरत विधि अधिकारियों को नई जिम्मेदारियाँ सौंपी गई हैं। वरिष्ठ अधिवक्ता शादान फरासत, जो सुप्रीम कोर्ट में अतिरिक्त महाधिवक्ता (एएजी) के रूप में पंजाब का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं, का कार्यकाल बढ़ा दिया गया है। दिल्ली में अधिवक्ता गौरव धामा, रजत भारद्वाज और राजेश महाजन को सेवा विस्तार मिला है, जबकि विवेक जैन को नया एएजी नियुक्त किया गया है।
उप महाधिवक्ताओं की नियुक्तियों में भी सरकार ने निरंतरता बरकरार रखी है। एडवोकेट तल्हा अब्दुल रहमान, ऋषिकेश कुमार और भक्ति पसरीजा अपनी वर्तमान भूमिकाओं में बने रहेंगे। साथ ही प्रतीक कृष्ण चड्ढा और तुषार सानू दहिया को डिप्टी एडवोकेट जनरल (डीएजी) के रूप में नई नियुक्ति दी गई है।
-इन अधिकारियों की नियुक्ति की उम्मीद
चंडीगढ़ में 18 एडिशनल एडवोकेट जनरल, 7 सीनियर डिप्टी एडवोकेट जनरल, 24 डिप्टी एडवोकेट जनरल और 35 असिस्टेंट एडवोकेट जनरल की नियुक्तियां की गई हैं, जिससे राज्य के कानूनी ढांचे को काफी मजबूती मिलने की उम्मीद है।
उल्लेखनीय है कि वरिष्ठ अधिवक्ता गुरमिंदर सिंह के इस्तीफे के बाद 30 मार्च को एडवोकेट मनिंदरजीत सिंह बेदी को नया एडवोकेट जनरल नियुक्त किया गया था। इसके बाद वरिष्ठ अधिवक्ता अनु चतरथ को सीनियर एडिशनल एडवोकेट जनरल बनाया गया, जिनके लिए आज नया आदेश जारी किया गया है।