हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने पंजाब के सीएम भगवंत मान के बयान को आश्चर्यजनक बताते हुए उन पर पलटवार किया है।
पंजाब और हरियाणा के बीच एक बार फिर से पानी के मुद्दे को लेकर बहस शुरू हो गई है। दरअसल, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने हाल ही में कहा कि अब उनके पास दूसरे राज्य को देने के लिए एक बूंद पानी फालतू नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि हरियाणा अपने हिस्से का पानी 2 महीने पहले ही इस्तेमाल कर चुका है। पंजाब सीएम मान के इस बयान पर अब हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने पलटवार किया है। सीएम नायब सिंह सैनी ने पंजाब के सीएम भगवंत मान की तरफ से जल वितरण से जुड़े मामले में दिए गए उनके बयान को आश्चर्यजनक बताया है।
तथ्यों से परे है सीएम मान का बयान
नायब सिंह सैनी ने कहा कि यह एसवाईएल के पानी का विषय नहीं है, बल्कि यह पीने के पानी का विषय है। उन्होंने कहा कि हर साल अप्रैल, मई और जून के महीने में हरियाणा कॉन्टेक्ट प्वाइंट पर 9 हजार क्यूसेक पानी BBMB के जरिए दिया जाता है। इसलिए सीएम भगवंत मान का यह कहना कि हरियाणा अपने हिस्से के पीने का पानी मार्च में ही इस्तेमाल कर लिया है, यह तथ्यों से बिल्कुल परे है। सीएम सैनी ने यह भी बताया कि पिछले एक हफ्ते में हरियाणा को केवल 4,000 क्यूसेक ही पीने का पानी मिला है, जो हरियाणा की कुल मांग का लगभग 60 प्रतिशत है।
दिल्ली की जनता को सजा
इसके साथ सीएम सैनी ने कहा कि अगर हरियाणा के ही कॉन्टेक्ट प्वाइंट पर कम पानी आएगा तो दिल्ली में भी पीने के पानी की आपूर्ति प्रभावित होगी। इस दौरान उन्होंने यह भी कहा कि पंजाब की मान सरकार को पानी देने में तब तक कोई परेशानी नहीं थी, जब तक दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार थी। अब जब दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार नहीं है, तो अब उन्हें परेशानी हो रही है। इसलिए सीएम मान दिल्ली की जनता को सजा देने के लिए इस तरह की बयानबाजी कर रहे हैं।
पंजाब के अधिकारियों की आनाकानी
सीएम सैनी ने कहा कि BBMB की टेक्निकल कमेटी ने पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और राजस्थान के लिए पानी छोड़ने का जो फैसला 23 अप्रैल को लिया था, उसके काम की शुरुआत को लेकर पंजाब के अधिकारी आनाकानी कर रहे हैं। सीएम मान हमारी संस्कृति में है कि अगर हमारे घर पर कोई भी व्यक्ति आता है, तो पानी पिलाकर हम उसका स्वागत करते हैं। दलगत राजनीति से ऊपर उठकर हरियाणा को पीने का पानी दें।