शिरोमणि अकाली दल के पूर्व नेता विरसा सिंह वल्टोहा पार्टी से इस्तीफा देने के बाद आज सुबह दरबार साहिब नतमस्तक होने के लिए पहुंचे।
शिरोमणि अकाली दल के पूर्व नेता विरसा सिंह वल्टोहा पार्टी से इस्तीफा देने के बाद आज सुबह दरबार साहिब नतमस्तक होने के लिए पहुंचे। माथा टेकने के बाद उन्होंने वीडियो जारी करते हुए कहा की, “जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने जो आरोप उन पर लगाए है वह सब झूठ है। उन्होंने कहा की जत्थेदार साहिब ने चाहे निजी हो परिवार या बच्चियों को लेकर जो भी आरोप लगाए है वह झूठे है।”
उन्होंने कहा कि अगर जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह के पास मेरे खिलाफ कोई सबूत है तो वह पेश करें। उनके पास कोई सबूत नहीं है। अगर मुझ पर लगे इल्जाम सही है तो मुझे सजा मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा की जत्थेदार साहिब का परिवार मेरा परिवार है, उनकी बच्चियां मेरी बच्चियां है। मैं उनके बारे में बुरा सोच भी नहीं सकता।
बता दें कि तख़्त श्री दमदमा साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने कुछ समय पहले इस्तीफा देते हुए शिरोमणि अकाली दल के पूर्व प्रवक्ता विरसा सिंह वल्टोहा पर उन्हें और उनके परिवार को धमकी देने का आरोप लगाया था। इसी के साथ ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने कहा कि उन्हें भारत सरकार और पंजाब सरकार की और से जाे सुविधाएं और सुरक्षा मिली हैं उसे वह वापिस करते हैं।
इसके बाद अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ज्ञानी हरप्रीत सिंह के समर्थन में सामने आए और उन्होंने शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी को उनका इस्तीफा स्वीकार न करने का निर्देश जारी किया। उन्होंने कहा कि अगर इस्तीफा मंजूर हुआ तो वे भी अपने पद से इस्तीफा दे देंगे।
बता दें, श्री अकाल तख्त साहिब ने विरसा सिंह वल्टोहा काे 10 साल के लिए पार्टी से बाहर करने के आदेश दिया हैं। साथ ही श्री अकाल तख्त साहिब ने कहा कि अगर विरसा सिंह वल्टोहा इस तरह की बयानबाजी करने से बाज नहीं, आए ताे उनके खिलाफ बड़ा कदम उठाया जाएगा।