Home delhi मैं नहीं मारता तो वो मेरे टुकड़े कर देती, Mahalakshmi Murder केस...

मैं नहीं मारता तो वो मेरे टुकड़े कर देती, Mahalakshmi Murder केस में आरोपी के रौंगटे खड़े करने वाले खुलासे

12
0

बेंगलुरु शहर के व्यालिकल इलाके में गत 2 सितंबर को हुए महालक्ष्मी हत्याकांड में एक बार फिर चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। हत्यारोपी मुक्ति रंजन रॉय के सुसाइड नोट के कुछ अंश पुलिस ने मीडिया कर्मियों से शेयर किए हैं। बेंगलुरु पुलिस के कमिश्नर बी दयानंद ने बताया कि है कि केस में चार्जशीट जल्द दाखिल की जाएगी।

ओडिशा पुलिस ने मुक्ति रंजन के सुसाइड नोट को ट्रांसलेट करके बेंगलुरु पुलिस को दे दिया है और मुक्ति रंजन की पोस्टमार्टम रिपोर्ट भी आ गई है। मुक्ति रंजन ने जिस हथियार से महालक्ष्मी की लाश के टुकड़े किए थे, वह अभी तक हाथ नहीं लगा है, लेकिन व्यालिकल इलाके में ही छोटी-सी दुकान चलाने वाली उस महिला ने मुक्ति रंजन को पहचान लिया है, जिससे उसने कटर खरीदा था। मुक्ति रंजन ने सुसाइड नोट में महालक्ष्मी को मारने की वजह भी लिखी है। उसने अपनी आपबीती सुनाते हुए बताया कि उसने क्यों इतना क्रूर अपराध किया?

सुसाइड नोट में किए गए यह सभी दावे

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, सुसाइड नोट में दावा किया गया है कि महालक्ष्मी मुक्ति रंजन की हत्या करना चाहती थी। उसने लाश को ठिकाने के लिए काले रंग का सूटकेस भी खरीदा है।

बता दें कि पुलिस को वारदातस्थल की तलाशी के दौरान एक सूटकेस मिला भी है, जो बिल्कुल नया और काले रंग का ही है। सुसाइड नोट में लिखा है कि महालक्ष्मी मुक्ति रंजन को मारकर लाश के टुकड़े करके सूटकेस में भरकर ठिकाने लगा देती।

इसलिए अगर मुक्ति रंजन उसे नही मारता तो वह उसे मारकर ठिकाने लगा चुकी होती। मुक्ति ने महालक्ष्मी को अपने बचाव में मारा, क्योंकि महालक्ष्मी के इरादों की भनक उसे लग गई थी। महालक्ष्मी मुक्ति पर शादी करने का दबाव बनाने लगी थी। उससे पैसे और गहने मांगती थी।

जब वह उसकी मांग पूरी नहीं कर पाता था तो वह उसे झगड़ा और मारपीट करती थी, लेकिन अपनी जान बचाने के लिए उसे महालक्ष्मी को मार दिया और उसे हत्या करके दुख हो रहा था, इसलिए उसने पछतावे में सुसाइड कर लिया।

21 सितंबर को हुआ वारदात का खुलासा

बता दें कि बेंगलुरु के एक मॉल में काम करने वाले मुक्ति रंजन और महालक्ष्मी के बीच प्रेम संबंध थे। महालक्ष्मी अपने पति और बेटी से अलग रहती थी। एक सितंबर को दोनों गायब हो गए थे।

इसके बाद 21 सितंबर को मकान से दुर्गंध आने पर महालक्ष्मी की हत्या होने और उसकी लाश के टुकड़े किए जाने का मामला सामने आया। पुलिस को महालक्ष्मी के शरीर के कटे हुए टुकड़े फ्रिज में और कमरे में बिखरे मिले।

पुलिस पूछताछ करती हुई मॉल पहुंची तो मुक्ति रंजन का पता चला। पुलिस उसे डिटेन करने के लिए ओडिशा के भद्रक शहर में पहुंची तो वह अपने पैतृक गांव में पेड़ से फंदे पर लटका मिला।

उसने सुसाइड नोट में अपना गुनाह कबूल किया हुआ था। सुसाइड नोट में उसने 2-3 सितंबर की रात को गला घोंटकर महालक्ष्मी की हत्या करने की बात कबूल की थी। साथ ही उसने यह भी माना कि उसने कटर खरीदा, लाश के टुकड़े किए और फ्रिज में भर दिए। वारदात अंजाम देने के बाद वह अपने भाई के ओडिशा भाग गया।