नवरात्र के अवसर पर हिमाचल प्रदेश और आसपास स्थित मां आदिशक्ति के प्रमुख शक्तिपीठों और मंदिरों में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ने की उम्मीद है। श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधाओं के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं। साथ ही, कुछ नए नियम और पाबंदियां भी लागू की गई हैं।
मां ब्रजेश्वरी देवी मंदिर:
- नवरात्र के दौरान पांच पहर की पूजा की जाएगी।
- मंदिर के कपाट सुबह 4 बजे से खुलेंगे और शाम तक खुले रहेंगे।
मां ज्वालामुखी देवी मंदिर:
- दर्शन का समय सुबह 5 बजे से रात 10 बजे तक रहेगा।
- विशेष दिनों जैसे छठी, सप्तमी और अष्टमी पर मंदिर 24 घंटे खुला रहेगा।
- सुरक्षा के लिए 100 पुलिस और होमगार्ड के जवान तैनात रहेंगे।
- गर्भगृह में नारियल ले जाने पर प्रतिबंध रहेगा।
श्री नयनादेवी जी मंदिर:
- मंदिर के कपाट साढ़े 21 घंटे खुले रहेंगे, केवल रात 12 बजे से 2 बजे और दोपहर 12 बजे से 12:30 बजे तक बंद रहेंगे।
- प्राचीन गुफा में प्रवेश पर प्रतिबंध रहेगा।
- 600 पुलिस और होमगार्ड के जवान सुरक्षा व्यवस्था में तैनात रहेंगे।
काली माता मंदिर, कालका:
- कालका बाजार में भारी ट्रैफिक पर रोक रहेगी, और 3 जगह नाके लगाए जाएंगे।
चामुंडा नंदिकेश्वर धाम:
- मंदिर के कपाट सुबह 4 बजे खुलेंगे।
- सुरक्षा के लिए 40 पुलिस कर्मी और 20 होमगार्ड तैनात रहेंगे।
मनसा देवी मंदिर, पंचकूला:
- इस बार वीआईपी और वीवीआईपी पास जारी नहीं किए जाएंगे, हरियाणा विधानसभा चुनाव के कारण यह निर्णय लिया गया है।
- श्रद्धालु 100 और 500 रुपए के टोकन लेकर बिना लाइन में लगे दर्शन कर सकेंगे।
मां चिंतपूर्णी देवी मंदिर:
- चिंतपूर्णी मंदिर में 24 घंटे दर्शन की व्यवस्था रहेगी।
- सुबह 4 बजे से कपाट खुलेंगे, और श्रद्धालु सुगम दर्शन प्रणाली के तहत माता के दर्शन कर सकेंगे।
श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी शक्तिपीठों पर पुलिस और होमगार्ड की भारी तैनाती की गई है।